Best Zakir Khan Quotes and Shayari | Huck se Single Quotes
Zakir khan Quotes and Shayari post ke andar aapko Huck se Single vale Quotes and shayari padhne ka moka milega jo khud Zakir khan ne likhi hai. Agar aap ek single hain to aapko ye posts jaroor pasand aayangi.
Agar aapko hamari Zakir Khan Quotes and Shayari post pasand aaye to comment karke jaroor bataye taki hum is tarah ka or bhi content bana sake.
Also read
- Best 10+ Gulzar Quotes on Zindagi | Quotes by Gulzar | Gulzar ji ke Quotes
- Latest Breakup Shayari | Single boys status | Sad Love Poetry | Shayari that will touch your heart
Zakir Khan Quotes and Shayari
Asharo me talqiya bhali baat hi thi
jo hum pe hai guzri hame yaad sab
har ek sans se dahaek jata hai shola dil ka
shayad hwa me faili hai khushboo teri
अक्षरों में तलकिया भली बात ही थी
जो हम पे है गुज़री हमें याद सब
हर एक साँस से दहैक जाता है शोला दिल का
शायद हवा में फैली है खुशबू तेरी
Also read
Main shunay pe sawar hun be adab sa me khumar hu
ab mushkilo se kya daru me khud kahar hazar hun
ke unch nich se pare mazal akh me bhare
me ladpda hu raat se mashal hath me liye
na surya mere sath hai, to kiya nai ye bat hai
wo sham hote dhal gaya wo raat se hai dar gaya
me zugnuo ka yar hu…Main shunay pe sawar hu…..
hai Bhawnaye mar chuki samvednaye khatm hai
ab dard se kya darun zindgi zakhm hai
main beech rah ki mat hu bejan siyah rat hu
main kali ka shingar hu Main shunay pe sawar hun
ke hun ram kasa tez me Lanka pati sa giyan hun
kis ki karun aradhna sabse jo me mahan hun
Brahman ka me saar hu me jal perawa nihar hu
Main shunay pe sawar hun…Main shunay pe sawar hun……
मैं शून्य पे सवार हूँ बे अदब सा मैं खुमार हूँ
अब मुश्किलों से क्या डरूं में खुद कहर हज़ार हूँ
के ऊंच नीच से परे मज़ाल आँख में भरे
में लड़पड़ा हूँ रात से मशाल हाथ में लिए
न सूर्य मेरे साथ है,तो क्या नई ये बात है
वो शाम होते ढल गया वो रात से है डर गया
में जुगनुओ का यार हूँ… मैं शुन्य पे सवार हूँ…..
है भावनाएं मर चुकी संवेदनाएँ ख़त्म है
अब दर्द से क्या डरूं ज़िंदगी ज़ख्म है
मैं बीच रह की मात हूँ बेजान सियाह रत हूँ
मैं काली का शृंगार हूँ मैं शुन्य पे सवार हूँ
के हूँ राम कासा तेज़ मैं लंका पति सा ज्ञान हूँ
किस की करूँ आराधना सबसे जो मैं महान हूँ
मैं शुन्य पे सवार हूँ… मैं शुन्य पे सवार हूँ…
मैं शून्य पे सवार हूँ बे अदब सा मैं खुमार हूँ
अब मुश्किलों से क्या डरूं में खुद कहर हज़ार हूँ
के ऊंच नीच से परे मज़ाल आँख में भरे
में लड़पड़ा हूँ रात से मशाल हाथ में लिए
न सूर्य मेरे साथ है,तो क्या नई ये बात है
वो शाम होते ढल गया वो रात से है डर गया
में जुगनुओ का यार हूँ… मैं शुन्य पे सवार हूँ…..
है भावनाएं मर चुकी संवेदनाएँ ख़त्म है
अब दर्द से क्या डरूं ज़िंदगी ज़ख्म है
मैं बीच रह की मात हूँ बेजान सियाह रत हूँ
मैं काली का शृंगार हूँ मैं शुन्य पे सवार हूँ
के हूँ राम कासा तेज़ मैं लंका पति सा ज्ञान हूँ
किस की करूँ आराधना सबसे जो मैं महान हूँ
मैं शुन्य पे सवार हूँ… मैं शुन्य पे सवार हूँ…
Bahot na kamiyo pr aap apni naz karte hain
abhi dekhi kahan hai nakamiya meri
mere kuch sawal hai jo sirf kayamat ke roj puchunga tumse
kyoki uske pahle tumhari or meri baat ho sake is layak nahi ho tum
Main janna chahta hu kya uske ke sath bhi chalte hue
sham ko uhi bekhayali me uske sath bhi hath takra jata hai tumhara
kya apni choti ungli se uska bhi hath tham liya karti ho
kya vaise hi jayse mera thama karti thi
kia bta di sari bachpan ki kahaniya tum ne usko
jayse mujhe raat raat bhar baith ker sunai thi tumne
kya tumne btaya usko ke 30 ke aage ki hindi ki ginti nahi aati tumko
wo sari taswire jo tumhare papa ke sath tumhari bahen ke sath
thi jinme tum badi pyari lagti thi, kya use bhi dikha di tumne?
ye kuch sawal hai jo sirf kayamat ke roj puchunga tumse
kyoki uske pahle tumhari or meri bat ho
sake is layak nahi ho tum
ke me puchna chahta hu
ke vo bhi jb ghr chodne aata hai tumko to seedhiyo pr aakhe
meech kr kya meri hi trah uske samne bhi matha aage kr deti ho?
meech kr kya meri hi trah uske samne bhi matha aage kr deti ho?
vase hi jase mere samne kiya karti thi
sard rato me band kamro me kya vo bhi meri hi tarah
tumhari nangi peeth pr apni uglio se harf-dr-harf khud ka nam godta hai?
or tum bhi kya akshar-ba-akshar pahchanne ki koshish karti ho
jase mere sath kiya karti thi
ye kuch sawal hai jo sirf kayamat ke roj puchnga tum se
kyo ki uske pahle tumhari or meri baat ho sake
is layak nahi ho tum
बहोत न कामियो पर आप अपनी नाज़ करते हैं
अभी देखि कहाँ है नाकामियां मेरी
मेरे कुछ सवाल है जो सिर्फ क़यामत के रोज
पूछूंगा तुमसे
क्योकि उसके पहले तुम्हारी और मेरी बात हो सके इस लायक नहीं हो तुम
मैं जानना चाहता हूँ किया उसके साथ भी चलते हुए
शाम को यूँ ही बेखयाली में उसके साथ भी हाथ
टकरा जाता है तुम्हारा
क्या अपनी छोटी ऊँगली से उसका भी हाथ थाम लिया करती हो
क्या वैसे ही जैसे मेरा थामा करती थी
किआ बता दी सारी बचपन की कहानिया तुम ने उसको
जैसे मुझे रात रात भर बैठ कर सुनाई थी तुमने
क्या तुमने बताया उसको के 30 के आगे की हिंदी
की गिनती नहीं आती तुमको
वो सारी तस्वीरें जो तुम्हारे पापा के साथ
तुम्हारी बहन के साथ
थी जिनमे तुम बड़ी प्यारी लगती थी, क्या उसे
भी दिखा दी तुमने?
ये कुछ सवाल है जो सिर्फ क़यामत के रोज
पूछूंगा तुमसे
क्योकि उसके पहले तुम्हारी और मेरी बात हो
सके इस लायक नहीं हो तुम
के में पूछना चाहता हु
के वो भी जब घर छोड़ने आता है तुमको तो
सीढ़ियों पर आँखे
अभी देखि कहाँ है नाकामियां मेरी
मेरे कुछ सवाल है जो सिर्फ क़यामत के रोज
पूछूंगा तुमसे
क्योकि उसके पहले तुम्हारी और मेरी बात हो सके इस लायक नहीं हो तुम
मैं जानना चाहता हूँ किया उसके साथ भी चलते हुए
शाम को यूँ ही बेखयाली में उसके साथ भी हाथ
टकरा जाता है तुम्हारा
क्या अपनी छोटी ऊँगली से उसका भी हाथ थाम लिया करती हो
क्या वैसे ही जैसे मेरा थामा करती थी
किआ बता दी सारी बचपन की कहानिया तुम ने उसको
जैसे मुझे रात रात भर बैठ कर सुनाई थी तुमने
क्या तुमने बताया उसको के 30 के आगे की हिंदी
की गिनती नहीं आती तुमको
वो सारी तस्वीरें जो तुम्हारे पापा के साथ
तुम्हारी बहन के साथ
थी जिनमे तुम बड़ी प्यारी लगती थी, क्या उसे
भी दिखा दी तुमने?
ये कुछ सवाल है जो सिर्फ क़यामत के रोज
पूछूंगा तुमसे
क्योकि उसके पहले तुम्हारी और मेरी बात हो
सके इस लायक नहीं हो तुम
के में पूछना चाहता हु
के वो भी जब घर छोड़ने आता है तुमको तो
सीढ़ियों पर आँखे
मीच कर क्या मेरी ही तरह उसके सामने भी
माँथा आगे कर देती हो?
वैसे ही जैसे मेरे सामने किया करती थी
सरद रातो में बंद कमरों में कया वो भी मेरी ही तरह
तुम्हारी नंगी पीठ पर अपनी उंगलियों से हर्फ़-दर-हर्फ़ खुद का नाम गोदता है?
और तुम भी क्या अक्षर-ब-अक्षर पहचानने की कोशिश करती हो
जैसे मेरे साथ किया करती थी ये कुछ सवाल हैं जो सिर्फ क़यामत के रोज पूछूंगा तुमसे
क्यों की उसके पहले तुम्हारी और मेरी बात हो सके
इस लायक नहीं हो तुम
और तुम भी क्या अक्षर-ब-अक्षर पहचानने की कोशिश करती हो
जैसे मेरे साथ किया करती थी ये कुछ सवाल हैं जो सिर्फ क़यामत के रोज पूछूंगा तुमसे
क्यों की उसके पहले तुम्हारी और मेरी बात हो सके
इस लायक नहीं हो तुम
Also read
- The saddest shayaris in Hindi | Dil Ko chu Lene wali shayari Hindi mai | दिल को छू लेने वाली शायरी हिंदी में
- #1 Zakir Khan Quotes and Shayari Part 1
- 5 Amazing Shayari love in hindi “I love you…this is for you”
youn to mile hai hame log kai pahle bhi bahut se
pr tum jitna unme se kabhi yad na aay
ke wo titli ki trah aai or zindgi ko baag kr gai,
ke wo titli ki trah aai or zindgi ko baag kr gai
mere jitne napak the erade use pakh kr gai
यूँ तो मिले हैं हमें लोग कई पहले भी बहुत से
पर तुम जितना उनमे से कभी याद न आए
के वो तितली की तरह आई और ज़िंदगी को बाग़ कर गई,
के वो तितली की तरह आई और जिंदगी को बाग़ कर गई
मेरे जितने नापाक थे इरादे उसे पाख कर गई
यूँ तो मिले हैं हमें लोग कई पहले भी बहुत से
पर तुम जितना उनमे से कभी याद न आए
के वो तितली की तरह आई और ज़िंदगी को बाग़ कर गई,
के वो तितली की तरह आई और जिंदगी को बाग़ कर गई
मेरे जितने नापाक थे इरादे उसे पाख कर गई
Agar aapko hamari Zakir Khan Quotes and Shayari posts pasand aai hai to aap hamari website pe baki posts bhi padh sakte hain ya fir Zakir khan ki baki shayaries ko pdhne ke liye in links me se ek pe click krain.
Read Part 1 or part 3 of this post
Reading your article helped me a lot and I agree with you. But I still have some doubts, can you clarify for me? I’ll keep an eye out for your answers.